आज हम देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम शहर की बात कर रहें है, जो हरियाणा राज्य के अंतर्गत आता है। गुरुग्राम (गुडगांव) का संबंध महाभारत के गुरु द्रोणाचार्य जी से है, जो पाण्डव और कौरवों के गुरु थे। गुडगांव गुरु द्रोणाचार्य जी का गांव था, और उन्हें गुरु दक्षिणा स्वरुप इस गांव को भेंट किया गया था। ।
पिछले 2 से 3 दशको के बीच गुरुग्राम में निर्माण और विकास बहुत ही तेजी के साथ हुआ है। गुरुग्राम हरियाणा राज्य का औद्योगिक और वित्तीय केन्द्र भी है। गुरुग्राम देश का आईटी हब और बहुत सारी कंपनियों के बीपीओ ऑफिस भी यहीं पर स्थापित हैं। गुरुग्राम का शीतला माता मंदिर धार्मिक आस्था का एक केन्द्र हैं, जहां पर हर सोमवार और मंगलवार के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए एकात्रित होते हैं।
अब ऐसे में यदि आप गुरुग्राम के अंदर निवास करते है या फिर व्यापार करते हैं और Vastu Consultant in Gurgaon सर्च कर रहें, तो आपके गुरुग्राम में ही वास्तुआर्ट की सेवाएं उपलब्ध है। गुरुग्राम में वास्तुआर्ट का ऑफिस T-3/1202 Sec 83, Emaar Palm Garden Gurugram, Haryana 122004 में स्थित है। वास्तुआर्ट का ऑफिस गुरुग्राम में होने कारण अधिकांशतः वास्तुशास्त्री रविन्द्र जी दाधीच (गुरुजी) का निवास स्थान गुरुग्राम ही है। वास्तुआर्ट के गुरुग्राम ऑफिस में appointment scheduling के अनुसार पंण्डित श्री नवरतन जी दाधीच (बड़े गुरु जी) और डॉ राकेश जी दाधीच भी वास्तु परामर्श करते हैं।
वास्तुआर्ट से प्राप्त वास्तु सेवाओं के अनुरूप निर्माण करने पर दिल्ली के बहुत सारे बिजनेस मैन, जिनकी फैक्टी, मॉल, स्कूल, लॉज, होटल, रेस्टोरेंट, मील, स्पोर्ट क्लब दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) सहित विदेशों में भी संचालित हैं और अच्छे लाभ (Good earning) के साथ-साथ अच्छा नाम (Good Brand Value) भी कमा रहे हैं।
गुरुग्राम सहित दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) में गुरु जी के निर्देशन (वास्तु मार्गदर्शन) में जिन आवासीय फ्लैटों, अपार्टमेंट और व्यवसायिक ऑफिसों का निर्माण हुआ है , वह आज के दिन में अच्छे स्वास्थ्य के साथ अच्छा लाभ भी कमा रहें है। उत्तम स्वास्थ्य, उत्तम लाभ और समाज में अच्छा नाम कमाने में वास्तु का अपना विशेष महत्व होता है, क्योंकि अच्छा वास्तु आपको अच्छी ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे आप ऊर्जान्वित होकर उस फील्ड में कार्य करते है और सफलता को आसानी से हासिल करत लेते है। इससे आपकी सफलता में वास्तु का भी योगदान होता है।
अक्सर आपने देखा होगा, कि व्यापारिक प्रतिष्ठान में कड़ी मेहनत और अधिक प्रयास करने के बावजूद भी व्यापार की गति में वृद्धि नहीं होती और निरन्तर आर्थिक हानि होती रहती है, इसका कारण होता है, उस व्यापारिक प्रतिष्ठान का वास्तु। क्योंकि यदि आवासीय एवं व्यवसायिक वास्तु में वास्तु वर्णित तथ्यों व सिद्धांतों का पालन नही किया गया तो मानसिक शांति एवं अर्थलाभ की संभावनाओं में अधिक वृद्धि नही होती है। व्यापारिक प्रतिष्ठान में बहुत सारे सूक्ष्म वास्तु नियमों का पालन करना होता है, जो वास्तु शास्त्र में निहित हैं।
वास्तु विद् -रविद्र दाधीच (को-फाउंडर वास्तुआर्ट)