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वास्तु टिप्स हिंदी में - ब्लॉग

Vastu Consultant in Gurugram in Hindi 04 July, 2023

वास्तु के बिना अधूरा है फैक्ट्री निर्माण (Factory Construction is Incomplete with Vastu )

निर्माण से संबंधित किसी भी प्रयोजन के लिए वास्तुरचना (वास्तुकला) का महत्व अधिक होता है, फिर चाहे वह आवासीय वास्तु हो या फिर व्यावसायिक वास्तु।

Vastu Consultant in Gurugram in Hindi 08 November, 2022

कैसे हुई वास्तु पुरुष की उत्पत्ति जानें

वास्तु पुरुष की उत्पत्ति के सम्बन्ध में एक अत्यन्त मनोरंजक कथा है, जिससे ज्ञात होता है कि वास्तुशास्त्र के अनुसार गृह निर्माण एवं वास्तु पुरुष की पूजा विधि-विधान से करना क्यों आवश्यक है।

Vastu Consultant in Gurugram in Hindi 08 November, 2022

Vastu Consultant in Gurugram in Hindi

गुरुग्राम में वास्तुआर्ट का ऑफिस T-3/1202 Sec 83, Emaar Palm Garden Gurugram, Haryana 122004 में स्थित है।

chhath puja 07 November, 2022

क्या 8 नवंबर का चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखेगा और जानें इसके प्रभाव, सूतक काल

भारतीय पंचांग के अनुसार 5.32 बजे से शाम 6.18 बजे तक दिखाई देगा। इस समय के दौरान चन्द्र ग्रहण पूर्ण रूप से प्रभावी स्थिति में रहेगा।

chhath puja 29 October, 2022

जानिए सूर्यषष्ठी-महोत्सव (छठपूजा) का महत्व और स्वास्थ्य लाभ

भारत के बिहार प्रान्त का सर्वाधिक प्रचलित एवं पावन पर्व है-सूर्यषष्ठी । 'सूर्यषष्ठी' प्रमुखरूप से भगवान् सूर्यका व्रत है। इस व्रत में सर्वतोभावेन भगवान् सूर्य की पूजा की जाती है

surya grahan last of 2022 21 October, 2022

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण किन राशियों को दे सकता है समस्या

ज्योतिषीय गणना के अनुसार जो यह खण्डग्रास सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर 2022, कार्तिक अमावस, स्वाति नक्षत्र, तुला राशि को दोपहर भारतीय समय 2 बजकर 28 मिनट से प्रारंभ होकर शाम 6 बजकर 32 मिनट तक चलेगा।

dhanteras shubh muhurat 2022 21 October, 2022

धनतेरस पर जानें कौन हैं भगवान धन्वन्तरि और इस दिन क्यों होती है इनकी पूजा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनतेरस पूजन का शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर को शाम 7:10 बजे से रात्रि 8:24 बजे तक रहेगा।

Diwali Shubh Muhoort 2022 18 October, 2022

जानें दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और ज्योतिष महत्व

भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष 2022 में दिवाली 24 अक्टूबर और 25 अक्टूबर दो तिथियों में पड़ रही है।

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi 10 October, 2022

महर्षि दधीचि के शरीर से वज्र का निर्माण और पुत्र पिप्पलाद का जन्मण

लोमश जी स्कंद पुराण की कथा को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं, कि जब महर्षि दधीचि की पत्नी आश्रम के अंदर चली जाती है।

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi 10 October, 2022

भगवान विश्वकर्मा जी द्वारा वृंदावन नगर में नंद भवन, रास मंडल, मधुबन एवं रत्न मंडल का निर्माण

वृंदावन के बहुत सारे प्राचीन भवन जैसे - नंदभवन, रास मंडल, मधुवन और रत्न मंडल इत्यादि वास्तु के अद्भूत नमूने है।

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi 10 October, 2022

भगवान विश्वकर्मा जी द्वारा वृंदावन नगर का निर्माण

श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन का निर्माण देवताओं के वास्तुकार विश्वकर्मा जी के द्वारा किया गया था

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi 29 September, 2022

विश्वानर के पुत्र गृहपतिका ने भगवान् शिव की आराधना से कैसे अग्नि एवं दिक्पाल का पद प्राप्त किया

हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रंथ स्कंद पुराण में अगस्तजी ने बड़े ही विस्तार से भगवान शिव की आराधना से विश्वानर के पुत्र को अग्गिकोण कोण के अधिपति की नियुक्ति की कथा का वर्णन किया है।

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi 26 September, 2022

वास्तु के देवता वायु , कुबेर, ईशान और चंद्र देव के लोकों की स्थिति का वर्णन

स्कंद पुराण में वास्तु के इन देवताओं का वर्णन भगवान के दो पार्षदों ने शिवशर्मा जी को विस्तार पूर्वक सुनाया है

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi 29 September, 2022

वास्तु शास्त्र के नैर्ऋत्यकोण के देवता निर्ऋति की उत्पत्ति तथा वरुणलोक का वर्णन

स्कंद पुराण में वास्तु की दक्षिण-पश्चिम दिशा के मध्य जो स्थान है, उसके देवता है, निर्ऋति तथा पश्चिम में जो स्थान है

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi 26 September, 2022

नवरात्रि में जानें मां भगवती की पूजा विधि का वर्णन

नवरात्रि के पावन दिन चल रहे हैं, ऐसे में हर हिंदू घर में माता भगवती की घट स्थापना के साथ उनका पूजन-वंदन श्रद्धा के चल रहा है।

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi 23 September, 2022

ज्ञानवापी तीर्थ की महिमा और महत्व

ज्ञानवापी तीर्थ की महिमा का उल्लेख स्कंद पुराण के काशीखण्ड-पूर्वार्ध में विस्तार से मिलता है।

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi 23 September, 2022

श्राद्ध पक्ष में क्यों है, अमावास्या का विशेष महत्व

पितर पक्ष में अमावास्या तिथि का महत्व स्कंदपुराण के नागरखण्ड-उत्तरार्ध में विस्तार से मिलता है।

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi 23 September, 2022

श्राद्धकल्प क्या है?

हिन्दु सनातन संस्कृति में श्राद्ध पक्ष का बहुत अधिक महत्व होता है। श्राद्ध पक्ष को पितृ पक्ष के नाम से भी जाना जाता है।

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi 19 September, 2022

Vastu Consultant in Chandigarh in Hindi

चण्डीगढ़ एक ऐसा शहर है, जो दो राज्यों हरियाणा और पंजाब की राजधानी है। चण्डीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश भी है।

vishwakarma jayanti 2022 17 September, 2022

विश्वकर्मा जयंती पर जानें, कि कैसे विश्वकर्मा जी के तप से हुई वृत्रासुर की उत्पत्ति

आज विश्वकर्मा जयंती है और ज्योतिषशास्त्र में मान्यता है, कि कन्या संक्रांति पर विश्वकर्मा जयंती अर्थात इस दिन भगवान विश्वकर्मा जी का प्राकट्य दिवस होता है।

Vastu Consultant in delhi hindi 15 September, 2022

Vastu Consultant in Delhi in Hindi

भारत के प्राचीन शहरों में से दिल्ली शहर भी एक है, जो अपनी सुंदरता और वास्तुकला के लिए हर किसी को अपनी ओर मोह लेता है।

घर का मंदिर वास्तु अनुरुप होने से कैसे पूरे परिवार को रखता है खुशहाल 14 September, 2022

घर का मंदिर वास्तु अनुरुप होने से कैसे पूरे परिवार को रखता है खुशहाल

घर में बने मंदिर में नित्य प्रतिदिन दर्शन करने और वहां पर बैठकर पूजा ध्यान करने से व्यक्ति की सोच सकारात्मक होती है।

ऋषि पंचमी का पर्व किन ऋषियों से जुड़ा है और जानें इसके महत्व व लाभ 31 August, 2022

ऋषि पंचमी का पर्व किन ऋषियों से जुड़ा है और जानें इसके महत्व व लाभ

वर्ष 2022 में ऋषि पंचमी तिथि का प्रारंभ 31 अगस्त 2022 को 3:22 अपराह्न से 1 सितम्बर 2022 को 2:49 अपराह्न तक है।

10 August, 2022

रक्षा बंधन में भद्रा के दौरान राखी 11 अगस्त को बांधे या फिर 12 अगस्त जानें शास्त्रीय विधान

रक्षाबंधन का पर्व प्रेम-सौहार्द्र और भाई-बहन के स्नेह का पावन पर्व है। रक्षाबंधन के पर्व से भाई-बहन के रिश्तों में प्रागढ़ता आती है।

11 July, 2022

पंचमहाभूत

यह पूरा शरीर , दुनिया और संपूर्ण ब्रह्मण्ड केवल पांच तत्वों के मिश्रण से निर्मित है। हरेक वस्तु में यही पांच तत्व समाहित है। इन पांच तत्वों के संयोजन के बिना किसी की कल्पना नही की सकती है। क्योंकि यहीं पांच तत्व प्रकति है।

04 Aug, 2022

तुलसीदास जयंती पर जानें हनुमान चालीसा की रचना कैसी हुई ?

भक्तशिरोमणि पूज्यपाद गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्म को लेकर हिन्दू धर्म ग्रंथों में वर्णन मिलता है।

04 Aug, 2022

दक्षिण मुखी द्वार निर्माण में क्या-क्या कठिनाईयां आती हैं ?

सृष्टि के हर कण में ईश्वर विराजमान है। सब कुछ ईश्वर का ही निर्माण किया हुआ है।


27 July, 2022

दक्षिण दिशा क्या अशुभ होती है ?

इसके बाद भी ग्रंथों की धारणा है। कि यह शुभ है और यह अशुभ है। अशुभ दिशाओं की श्रेणी में एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात यह आती है। कि वह है दक्षिण दिशा।

27 July, 2022

कैसे करें अंदर के दरवाजों का निर्माण ?

घर के मुख्यद्वार को सुख-समृद्धि, परिवार की उन्नति और विकास का प्रतीक माना जाता है। शरीर की पांच इंद्रियों में से जो मुख का संज्ञा दी गई है वही भवन के मुख्य द्वार की होती है।

13 July, 2022

दक्षिण दिशा और भ्रम - रविन्द्र दाधीच

अब प्रश्न यहां उठता है। कि अधिकांश विद्वान व वास्तुशास्त्रियों ने दक्षिण दिशा को अशुभ क्यों माना है। ऐसे में यदि आपका मकान, भूखण्ड, ऑफिस, फैक्ट्री, कारखाना, स्कूल, कॉलेज, हास्पिटल इत्यादि दक्षिणमुखी है। तो शास्त्रों के मत के अनुसार हम उनको अशुभ नही मान सकते है। क्योंकि ऐसा ग्रंथों में कहीं पर भी उल्लेख नही है कि दक्षिण दिशा अशुभ होती है।

15 July, 2022

वास्तुशास्त्र और पंचमहाभूत का आपसी संबंध

संपूर्ण ब्रह्मांड में चाहे वह तारे हो, ग्रह हों, मनुष्य हों या जीवन का कोई भी रूप, इन पांच तत्वों से ही बना है। इन पांच तत्व ही पंच महाभूत हैं। वास्तु शास्त्र के सभी ग्रंथों में वास्तु के सिद्धांतों का निर्धारण दिशाओं, विदिशाओं और पंचमहाभूतों (पंचतत्वों) को ध्यान में ऱखकर किया गया है।

नव ग्रहों एवं सत्ताईस नक्षत्रों के पौधे लगाने के वास्तु एवं ज्योतिष सिद्धांत 10 June, 2022

नव ग्रहों एवं सत्ताईस नक्षत्रों के पौधे लगाने के वास्तु

वास्तुशास्त्र एवं ज्योतिष शास्त्र के समायोजन वनस्पति एवं पौधे रोपण में अच्छा रोल अदा करता है। ज्योतिष शास्त्र में कुल ग्रहों की संख्या 9 बताई गई है और नक्षत्रों की सत्ताईस है।

घर का मंदिर वास्तु अनुरुप होने से कैसे पूरे परिवार को रखता है खुशहाल 1 June, 2022

घर का मंदिर वास्तु अनुरूप होने से कैसे पूरे परिवार को रखता है खुशहाल

भारतीय संस्कृति में मंदिर और पूजा दोनों का विशेष महत्व है। मंदिर में श्रद्धा और निष्ठा के साथ ईश्वर से की गई प्रार्थना का फल हमेशा अच्छा ही प्राप्त होता है|