ऑफिस में कड़ी मेहनत एवं प्रयास करने के बावजूद भी यदि बिजनेस में वृद्धि नही होती और लगातार हानि का सामना करना पड़ रहा है। तो ऐसे में यदि आप वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करेंगे। तो आप आर्थिक नुसकान एवं परेशानियों से बच जाएंगे। यदि आपके ऑफिस का वास्तु ठीक है। तो आपको मानसिक शांति की प्राप्ति होगी और अर्थलाभ की संभावना आपके पक्ष में सदैव बनी रहेगी।
वास्तु शास्त्र एक विज्ञान है जो निर्माण और वास्तुकला से संबंधित है। यह निर्मित क्षेत्र में ऊर्जा के सकारात्मक प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है और वाणिज्यिक / कार्यस्थल (commercial / workplace) में सौभाग्य और समृद्धि लाता है। वास्तु के अनुसार मीटिंग रुम (कांफ्रेंस रुम) को हमेशा ऑफिस के वायव्य कोण में बनवाना चाहिए। क्योंकि वास्तु की दृष्टि से यह दिशा शुभ संकेतों की सूचक होती है। मीटिंग रुप की बैठक व्यवस्था इस प्रकार से करनी चाहिए । कि एक चेयर पर एक ही कर्मचारी बैठ सके। ऐसा करने से कार्य में व्यवधान नही उत्पन्न होता है और कार्य में सफलता प्राप्ति की अधिक संभावना होती है। कांफ्रेंस (मीटिंग) हाल हर ऑफिस का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। क्योंकि कांफ्रेंस हाल में ही अधिकांश Business meetings ऑफिस के कर्मचारी एवं मालिक एक बैठकर करते हैं। मीटिंग रुप में ही एक दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान होता है। तो कंपनी की ग्रोथ के लिए हितकर होते हैं।
वास्तु शास्त्र में कांफ्रेंस (मीटिंग) हाल उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। क्योंकि मार्केटिंग और सेल्स स्टाफ के लिए भी यह दिशा सुझाई गई है, क्योंकि उन्हें अपने प्रदर्शन (performance) में सुधार के लिए प्रेरणा की आवश्यकता होती है। आप ऑफिस के इस एरिया में वेटिंग रुम भी बनवा सकते हैं।
ऑफिस का यह एरिया प्रोजेक्ट देने वाले होते हैं। यह आपके लिए अच्छे और विश्वसनीय कस्टमर ला सकते हैं। मीटिंग हाल के निर्माण में यदि आपने वास्तु के सिद्धांतों का पालन किया है। तो यह sales and dispatch के बिजनेस में लाभकारी साबित होगा ।
वास्तु विद् - रविद्र दाधीच (को-फाउंडर वास्तुआर्ट)