होटल की सीढ़ियां कहां पर और कैसी होनी चाहिए ?
होटल की सीढ़ियां आपके होटल की सफलता के आयामों की सीढ़ियाँ होती है। होटल में सफलता और तरक्की की सीढ़िया यदि आप नही चढ़ पा रहे हैं। तो होटल की सीढ़ियों पर जरुर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि यहीं से तय होता है आपके उन्नति और व्यापार की सफलता का मार्ग । इसलिए वास्तु में सीढ़ियों का एक विशेष स्थान है। वास्तु में सीढ़ियों को उन्नति का कारण माना गया है। यदि सीढ़िया वास्तु के अनुरुप निर्मित हैं। तो आपके सुख-चैन, धन-दौलत में निरंतर उन्नति करती हैं। और यदि वास्तु संगत आपके होटल की सीढ़ियां नही हैं। तो आपके व्यापार में एक बड़ी समस्या बन सकती हैं। इसलिए होटल की सीढ़ियों के निर्माण में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
यदि आप भी होटल के व्यापार से जुड़े है और सफलता की सीढ़ी नही चढ़ पा रहें हैं। तो होटल में बनी सीढ़ियों पर जरा गौर करें या फिर होटल का निर्माण करवा रहें तो सीढ़ियों के निर्माण में जरुर ध्यान दें। कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके होटल की सीढ़ियों का वास्तु दोष आपके भाग्य की सीढ़ियों को चढ़ने न दे रहा हो और आपकी तरक्की में रोड़े अटका रहा हो। अगर ऐसा है तो आज का यह होटल से संबंधित सीढ़िओं का ब्लॉग आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मान्यता है। कि जिस फैक्ट्री, ऑफिस या फिर होटल की सीढ़ियां वास्तु के सम्मत नही हैं। तो उस मालिक और वहां पर काम करने वाले वर्कर के विकास में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। बार-बार दुर्घटनाएं होती रहती हैं और धनहानि की भी संभावना बनी रहती है। होटल की सीढ़ियां ठीक न होने से पूरी होटल परिसर में तनाव जैसा माहौल निर्मित हो जाता है।
जबकि जिस होटल की सीढ़िया वास्तु के अनुरुप बनी होती है। वहां के मालिक और उसके नौकरों की सेहत तथा सामन्जस्य की स्थिति अच्छी बनी रहती है। सुख-शांति और माँ लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है।
होटल की किस दिशा में बनी सीढ़ियां अच्छी नही मानी जाती हैं ?
- होटल की सीढ़ियां कभी भी ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ नही होनी चाहिए। यदि होटल के इस स्थान पर सीढ़िया बनी हैं। तो होटल मालिक के ऊपर हमेशा आर्थिक संकट बना रहेगा। कारोबार में घाटा होगा। कर्मचारी लोग भी परेशान होगे। होटल का मालिक हमेशा कर्ज में डूबा रहेगा। संतान के विकास में बाधाएं आएंगी।
- होटल के ब्रह्म स्थान में भी सीढ़ियां नही होनी चाहिए ।
- उत्तर दिशा में सीढ़िया बनवाने से भी धन की हानि होती है। या पैसे का अटकाव आता है।
- पूर्व दिशा में सीढ़िया होने से होटल में काम करने वाले स्टाफ और वर्कर की सेहत में खराब असर पड़ा है। तथा प्रतिष्ठा ठीक नही होती है।
- होटल में बहुत ज्यादा गोलाकार और घुमावदार सीढ़िया होटल में नही होनी चाहिए।
- सीढ़ियों की शुरुआत और अंत के सामने कभी भी पूजाघर या रसोई में नही होना चाहिए।
- सीढ़ियों के नीचे स्टोररुम (भण्डारग्रह) नही होना चाहिए।
- सीढ़ियों के नीचे बाथरुम नही होना चाहिए। सैप्टिक टैंक भी नही होना चाहिए।
- साढि़यों के टूटे किनारे अशुभता लाते हैं। समय से इनकी मरम्मत करवानी चाहिए।
- होटल में प्रवेश करते ही दरवाजे के सामने सीढियां नही दिखाई देनी चाहिए।
- होटल के मुख्य प्रवेश द्वार के ऊपर सीढ़ियां नही होनी चाहिए।
- सीढ़ियों में राईजर की व्यवस्था ऐसी करें कि कुल सख्या में 3 का भाग देने पर 2 शेष रहे। जैसे 2, 5,8,11,14,17,23 आदि। पगों की संख्या 10,20,30 या शून्य से समाप्त न हो। अगर किसी कारण से 17 और 23 में सीढ़ी की सेटींग नही हो तो 20 भी रख सकते हैं।
- होटल में यदि नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) दिशा की तरफ समाप्त होने वाली सीढ़ियों में यदि कमरा है तो उसे सामान रखने में ही उपयोग करें। खाली नही छोड़ें।
- होटल की सीढ़ियों की नीचे कभी भी रुपये-पैसे, बैंक ड्राफ्ट, चैक इत्यादि को न रखें।
- होटल की सीढ़ियों के निर्माण के दौरान इस बात का ध्यान रखें। कि पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की और चढ़ा जा सके। पश्चिम से पूर्व और दक्षिण से उत्तर में नही। हर स्थिति में होटल की सीढ़ियों का घुमाव दक्षिणावृत्त (Clock wise) होना चाहिए।
वास्तु विद् - रविद्र दाधीच (को-फाउंडर वास्तुआर्ट)