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फैक्ट्री में चिमनी कहां पर होना चाहिए ?

फैक्ट्री में चिमनी कहां पर होना चाहिए ?

फैक्ट्री में चिमनी की विशेष भूमिका होती है। क्योंकि चिमनी फैक्ट्री का एक अभिन्न अंग है। फैक्ट्री को चिमनी के द्वारा प्रदान किए जाने वाले लाभों की एक विस्तृत श्रंखला है। फैक्ट्री की मशीनों की दिशा और स्थान जितने महत्वपूर्ण होते है। उतना ही महत्व फैक्ट्री की चिमनी का स्थान होता है। यदि फैक्ट्री की चिमनी सही स्थान पर नही हैं। तो उसका प्रतिकूल असर आपकी फैक्ट्री के व्यापार में पड़ेगा।

यह तो लगभग हम सभी जानते हैं। कि फैक्ट्री की चिमनी अगर सही दिशा में न हो तो इससे फैक्ट्री के विस्तार व क्रय-विक्रय में ग्रहण लग सकता है। मगर क्या आप यह जानते हैं। कि वास्तु के अनुसार आपकी फैक्ट्री की चिमनी किस दिशा में होना चाहिए।

वास्तु के मत के अनुसार यदि चिमनी फैक्ट्री की आदर्शा दिशा का पालन करती है। तो फैक्ट्री की आर्थिक गतिविधियों में लगातार वृद्धि और लाभ की संभावना पूरी तरह से बनी रहती है। चिमनी की दिशा को तय करने के लिए वास्तु के नियम हैें। जिसका पालन हर फैक्ट्री निर्माण के पूर्व करना चाहिए।

फैक्ट्री में लगे हर उपकारण का अपना एक खास महत्व और खास स्थान है। चाहे फिर वह फैक्ट्री की मशीनरी होस बायलर हो या फिर भट्टी हो या चिमनी हो।

इस दिशा में होनी चाहिए फैक्ट्री की चिमनी

  • फैक्ट्री की चिमनी फैक्ट्री के अग्निकोण (दक्षिण-पूर्व) दिशा में होना चाहिए।
  • वास्तु के मन के अनुसार सिद्धांत कहते हैं। कि अग्निकोण (दक्षिण-पूर्व) की दिशा अग्निदेव को समर्पित है। यदि आप अग्निदेव की दिशा में चिमनी का निर्माण करते है। तो आपको आगजनी और आग से जुड़ी दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। क्योंकि आपको अक्सर सुनने को मिल जाता है। की फैक्ट्री में लगी आग अर्थात उस फैक्ट्री का वास्तु ठीक नही है या फिर उसने जहां पर चिमनी को स्थान दिया है । वह अनुकूल स्थान नही है जिससे आग से संबंधित दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

वास्तु विद् - रविद्र दाधीच (को-फाउंडर वास्तुआर्ट)